काशीपुर। महिला उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को लेकर पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि महिला हिंसा आपराधिक समाज का अंग है। इसके लिए स्कूलों में शिक्षा का विषय बनाया जाना बेहद जरूरी है जिससे भारत के संस्कारों के अनुरूप बच्चों की सोच हो। रामनगर रोड स्थित विधायक त्रिलोक सिंह चीमा के कॉरपोरेट ऑफिस में मंगलवार को पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा एवं उनके पुत्र विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने अपने भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियांे के बीच एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया। जिसमें पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि इस समय पूरे देश में महिला उत्पीड़न, दुष्कर्म की घटनाएं सुनने में आ रही है, जिसको लेकर उत्तराखंड की धामी सरकार पूरी तरह से इस विषय पर गंभीर है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के नौकरी पेशा व्यक्ति अपने बच्चों को नौकरों के हाथ में सौंप कर चले जाते हैं, जिससे उनके बच्चे नोकरो पर ही डिपेंड रहते हैं। उनके परिवार को न तो अपने बच्चो पर शिक्षा पर ध्यान देते हैं और ना ही उनके परवरिश पर। उन्होंने कहा कि गार्जियन को पैसे कमाने की होड़ से ऊपर उठकर बच्चों पर ध्यान देना अति आवश्यक है। उन्होंने कहां की जिस तरीके से महिला उत्पीड़न की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है उसको लेकर सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है, लेकिन परिवार को भी अपने बच्चों के ऊपर पूरा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनका बच्चा कहां जा रहा है, क्या कर रहा है, उस पर ध्यान देना जरूरी है। उत्तराखंड सरकार लिव एंड रिलेशन के ऊपर काम कर रही है जिसका रिजल्ट देखने को मिल रहा है। जबकि विपक्षी दल सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। वार्ता के दौरान राम मेहरोत्रा, दीपक बाली, चैधरी खिलेन्द्र सिंह, आशीष गुप्ता, गुरविंदर सिंह चण्डोक, रजत सिद्धू आदि भी मौजूद रहे।
